Khabar Danadan https://khabardanadan.com National News Portal Tue, 15 Apr 2025 12:16:53 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8 https://khabardanadan.com/wp-content/uploads/2024/11/favicon-150x150.jpg Khabar Danadan https://khabardanadan.com 32 32 राधा रानी की जन्मस्थली बरसाना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 207 करोड़ से अधिक की योजनाओं को दी मंजूरी https://khabardanadan.com/the-uttar-pradesh-government-approved-schemes-worth-more-than-207-crores-for-barsana-the-birthplace-of-radha-rani/ https://khabardanadan.com/the-uttar-pradesh-government-approved-schemes-worth-more-than-207-crores-for-barsana-the-birthplace-of-radha-rani/#respond Tue, 15 Apr 2025 12:16:53 +0000 https://khabardanadan.com/?p=5151

राँकोली की पहाड़ी से होगी शुरुआत ,ढवाला और सखी गिरी पहाड़ी पर भी होगा काम

मथुरा। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद अब राधारानी के गाँव बरसाना से जुड़ी पहाड़ियों को प्राकृतिक खूबसूरती प्रदान करने जा रहा है। इसकी शुरुआत राँकोली की पहाड़ी से हो रही है। राज्य सरकार ने 2024-25 के अंतर्गत 206 करोड़ की 10 स्वीकृति योजनाओं में शामिल राँकोली पहाड़ी प्रोजेक्ट को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

मथुरा वृंदावन और गोवर्धन के बाद कब बरसाना में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है। बरसाना रोपवे ने राधारानी की नगरी का आकर्षण और बढ़ा दिया है। इसी को ध्यान रखते हुए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने बरसाना के आसपास राजस्थान की सीमा स्थित पहाड़ियों को हराभरा बनाने की योजना का क्रियान्वयन शुरु कर दिया है। इसकी शुरुआत राँकोली की पहाड़ी से हो रही है। ब्रज तीर्थ विकास परिषद 98 हेक्टेयर में फैली इस पहाड़ी की तार फेंसिंग कराएगा। इसके बाद यहाँ ईको रेस्टोरेशन का काम किया जाना है। इसमें प्लांटेशन, कल्चरल आपरेशन, वाटर हार्वेस्टिंग शामिल है। राँकोली के बाद पर्वतीय श्रंखला में शामिल् सखी गिरी पर्वत और ढवाला पहाड़ी को भी खूबसूरती प्रदान की जाएगी। वर्तमान में उक्त पहाड़ी क्षेत्र हरियाली विहीन हो गया है।

उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने पर्यटन विभाग के अंतर्गत 206 करोड़ की 10 योजनाओं में शामिल राँकोली पहाड़ी प्रोजेक्ट को भी स्वीकृति प्रदान की है। 2.11 करोड़ की इस प्रोजेक्ट के लिए 1.30 करोड़ अवमुक्त किए गए हैँ। इस प्रोजेक्ट में एक संस्था का सहयोग लिया जा रहा है।

36 वन लेंगें प्राचीन स्वरूप
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद जनपद के धार्मिक महत्व से जुड़े 36 वन स्थलों को प्राचीन स्वरूप देने जा रहा है। यहां कीकड़, बबूल को हटाकर कृष्ण कालीन पौधे लगाने का कार्य वन विभाग द्वारा किया जाएगा। इसकी अनुमति उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने सुप्रीम कोर्ट से ली है।

ब्रज में श्रद्धालुओं के ठहरने के पर्याप्त इंतजाम
उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप ब्रज दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को बेहद कम दर में ठहरने की बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा वृंदावन, बरसाना, नंदगांव, गोकुल आदि तीर्थ स्थलों पर टीएफसी (पर्यटक सुविधा केंद्र) का निर्माण कराया जा रहा है। वृंदावन टीएफसी में ठहरने की यह बेहतर सुविधाए और शाकाहारी भोजन बेहद कम दर पर उज्ज्वल ब्रज संस्था द्वारा पिछले कई वर्षो से उपलब्ध कराया जा रहा है।

2024-25 की स्वीकृत परियोजनाएँ

– गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर फ़साड़ और इंप्रूमेंट साइनेज का कार्य
– यमुना नदी के घाटों का विकास एंव पुनरुद्धार का कार्य
– गांव जचौंदा में शिल्पग्राम, पड़ाव और जनसुविधा का कार्य
– वृंदावन परिक्रमा मार्ग के अवशेष भाग में सीसी टीवी कैमरे, पीए सिस्टम, आईटीएमएस का कार्य
– यमुना के अक्रूर घाट, देवराह घाट, केसी घाट, मांट रोड घाट, जुगलकिशोर घाट पर क्रूज संचालन
– वृंदावन में ट्यूरिस्ट फेसलिटेशन मल्टीलेवल कार पार्किंग का विकास
– बरसाना में राँकोली पहाड़ी पर फेसिंग का कार्य
– बरसाना में टीएफसी के विस्तार का कार्य
– वृंदावन में टीएफसी विस्तार का कार्य
– जनपद के पौराणिक वनों का विकास

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एम्स ऋषिकेश के पांचवें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की https://khabardanadan.com/union-health-minister-jp-nadda-presided-over-the-fifth-convocation-of-aiims-rishikesh/ https://khabardanadan.com/union-health-minister-jp-nadda-presided-over-the-fifth-convocation-of-aiims-rishikesh/#respond Tue, 15 Apr 2025 11:20:57 +0000 https://khabardanadan.com/?p=5148

देश के प्रत्येक गरीब व्यक्ति को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना केंद्र सरकार की प्राथमिकता – जेपी नड्डा

दीक्षांत समारोह में 434 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई

ऋषिकेश। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज एम्स ऋषिकेश के पांचवें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। सभा को संबोधित करते हुए, जेपी नड्डा ने कहा कि ‘दीक्षांत समारोह एक विशेष अवसर है जो छात्रों की उपलब्धियों को मान्यता देता है।’ उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक गरीब व्यक्ति को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है।

जेपी नड्डा ने देश भर के एम्स संस्थानों की चिकित्सा शिक्षा और सेवाओं में उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि ‘इस सदी की शुरुआत तक, भारत में केवल एक एम्स था, वहीं आज, देश में 22 एम्स संचालित हो रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश ने अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के कारण स्वास्थ्य संस्थानों के बीच एक अद्वितीय पहचान बनाई है।उन्होंने नागरिकों के लिए विश्व-स्तरीय स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा, ‘सरकार ऐसी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने पर केंद्रित है जो न केवल उपचारात्मक हो बल्कि निवारक, उपशामक और पुनर्वासिक भी हो।’

स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्र सरकार की उपलब्धियों को उजागर करते हुए, नड्डा ने कहा, ‘‘आज, देश भर में 1.75 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित हो रहे हैं जो स्वास्थ्य और कल्याण से संबंधित विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों में 101 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, और अब देश भर में कुल 780 मेडिकल कॉलेज हैं। एमबीबीएस सीटों में 130 प्रतिशत और पीजी सीटों में 138 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘इसी तरह, पैरामेडिक्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए, 157 नर्सिंग कॉलेज भी स्थापित किए जा रहे हैं, जो मेडिकल कॉलेजों के साथ सह-स्थित होंगे।’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स ऋषिकेश की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान ने हेलीकॉप्टर और ड्रोन सेवाओं का प्रभावी उपयोग करते हुए 309 गंभीर मरीजों को बचाया। वहीं टेलीमेडिसिन (ई-संजीवनी) जैसी डिजिटल सेवाओं का उपयोग करके राज्य के दूरदराज और अल्पसेवित क्षेत्रों में सेवा प्रदान करने में देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक बना। नड्डा ने अपने संबोधन को समाप्त करते हुए छात्रों को करुणा, ईमानदारी और समर्पण के साथ अपने काम को बिना किसी स्वार्थ के करने के लिए प्रोत्साहित किया।

केंद्रीय मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि सरकार प्रत्येक एमबीबीएस छात्र पर 30-35 लाख रुपये खर्च करती है, उन्होंने नए डॉक्टरों से आग्रह किया कि वे अपने पेशेवर करियर की शुरुआत में अधिक जिम्मेदारियां उठाएं। इस आयोजन के दौरान नड्डा ने संस्थान की चिकित्सा सेवाओं को बढ़ाने के लिए कई स्वास्थ्य सुविधाओं का उद्घाटन किया, जिनमें आयुष विभाग में एकीकृत चिकित्सा, न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में पीईटी स्कैन मशीन, रेडियोलॉजी विभाग में पीएसीएस सुविधा और बाल चिकित्सा देखभाल में उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र शामिल हैं।

समारोह के दौरान, नड्डा ने एमबीबीएस, डीएम, एमएससी नर्सिंग, बीएससी नर्सिंग और बीएससी संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान कार्यक्रमों के 10 मेडिकल छात्रों को स्वर्ण पदक और डिग्री प्रदान की। दीक्षांत समारोह में कुल 434 छात्रों को डिग्री दी गई, जिनमें 98 एमबीबीएस छात्र, 95 बीएससी (ऑनर्स) नर्सिंग छात्र, 54 बीएससी संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान छात्र, 109 एमडी/एमएस/एमडीएस छात्र, 17 एमएससी नर्सिंग छात्र, 1 एमएससी मेडिकल संबद्ध छात्र, 12 मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ छात्र, 40 डीएम/एमसीएच छात्र और 8 पीएचडी छात्र शामिल थे।

’पिछले 10 साल में देश में स्वास्थ्य सेवाओं का तेजी से हुआ है विस्तार- मुख्यमंत्री’

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का स्वागत करते हुए कहा कि देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में अनेक कार्य हुए हैं। पिछले 10 साल में देश में स्वास्थ्य सेवाओं का तेजी से विस्तार हुआ है। देशभर में एम्स की स्थापना करना हो, राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 को लागू करना हो, आयुष्मान भारत योजना हो या फिर मेडिकल कॉलेजों में सीटों में बढ़ोतरी करना हो, अनेक योजनाओं एवं नीतियों केे माध्यम से भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था को एक नई उंचाई प्रदान की गई है। उत्तराखंड में स्वास्थ सेवाओं के विकास के लिए निरंतर सहयोग देने पर उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का आभार व्यक्त किया।

’हेली एंबुलेंस ने स्वास्थ्य क्षेत्र में नई उड़ान देने का किया कार्य।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स ऋषिकेश में ट्रॉमा सेंटर में पिक्चर आर्काइविंग एंड कम्युनिकेशन सिस्टम और सेंटर फॉर एडवांस्ड पीडियाट्रिक्स का लोकार्पण होने से स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि आज एम्स ऋषिकेश में अत्याधुनिक मेडिकल जांच और उपचार की व्यवस्था के साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टर की टीम द्वारा विभिन्न प्रकार के रोगों का इलाज किया जा रहा है।

इस संस्थान में अब रोबोटिक सर्जरी, घुटनों के प्रत्यारोपण की सुविधा, उन्नत न्यूरोसर्जरी और रेडिएशन थेरेपी जैसी सेवाएँ भी संचालित की जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां पर हेली एंबुलेंस की शुरुआत कर उत्तराखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र को एक नई उड़ान देने का कार्य किया। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उधम सिंह नगर जनपद में एम्स ऋषिकेश के सेटेलाइट सेंटर का निर्माण कार्य भी तेज गति के साथ चल रहा है।

उत्तराखण्ड की 5 हजार से अधिक ग्राम सभाएं टी.बी मुक्त हो चुकी हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और सहयोग से राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। प्रत्येक जनपद में एक मेडिकल कॉलेज बनाने का लक्ष्य रखा गया। टेलीमेडिसिन नेटवर्क और जन औषधि केंद्रों के माध्यम से जनता को सस्ती दवाइयां और आवश्यक इलाज उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं। सरकारी अस्पतालों में 207 पैथोलॉजिकल जांच की सुविधा भी निःशुल्क दी जा रही है। अभी तक 29 लाख लोगों की निःशुल्क पैथोलॉजिकल जांच की जा चुकी हैं। राज्य में 14 लाख से अधिक लोगों का इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत हो चुका है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की 05 हजार से अधिक ग्राम सभाएं टी.बी मुक्त हो चुकी हैं। चारधाम यात्रा के दृष्टिगत नये अस्पतालों का संचालन भी किया जायेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, लोकसभा सांसद अजय भट्ट, विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूरी भूषण, सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, स्वास्थ मंत्री डॉ धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, विधायक प्रेमचंद्र अग्रवाल, बृज भूषण गैरोला, अध्यक्ष एम्स ऋषिकेश प्रो. सिमरन नंदी, निदेशक प्रो. मीनू सिंह, प्रो. जया चतुर्वेदी, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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इंजीनियरिंग में भी बढे महिलाओं की भागीदारी – रेखा आर्या https://khabardanadan.com/participation-of-women-should-increase-in-engineering-as-well-rekha-arya/ https://khabardanadan.com/participation-of-women-should-increase-in-engineering-as-well-rekha-arya/#respond Tue, 15 Apr 2025 11:04:30 +0000 https://khabardanadan.com/?p=5145

उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर संगठन के 11 वे अधिवेशन में शामिल हुई कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या

प्रमोशन और वेतन विसंगति समेत सभी मांगों पर जल्द कार्रवाई का आश्वासन

देहरादून। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी महिलाओं की ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया है। कैबिनेट मंत्री मंगलवार को यमुना कॉलोनी स्थित अधिकारी मनोरंजन सदन में उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर संगठन के 11वें महा अधिवेशन को संबोधित किया ।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि जूनियर इंजीनियर्स की प्रमोशन की मांग पर सरकार द्वारा कमेटी इसलिए गठित की गई है ताकि उनके प्रमोशन में किसी तरह की तकनीकी विसंगति ना रह जाए। मंत्री ने कहा कि कमेटी तय समय सीमा में अपनी रिपोर्ट देगी, इसके बाद सरकार जल्द प्रमोशन करेगी।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इसके अलावा पेंशन और वेतन विसंगति समेत सभी मांगों पर वें मा.मुख्यमंत्री जी के समक्ष जूनियर इंजीनियर्स के पक्ष को रखेंगी और उनकी समस्याओं के त्वरित समाधान का प्रयास किया जाएगा।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी अब महिलाएं आगे आ रही है लेकिन अभी भी उनकी भागीदारी कम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी महिलाएं पुरुषों के बराबर हिस्सेदारी करेंगी।

अधिवेशन में संगठन के पदाधिकारी व अन्य लोगों ने 38 वे राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन को लेकर खेल मंत्री को बधाई दी, जिस पर खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों में विद्युत विभाग के इंजीनियर्स ने भी बहुत तेजी और सजगता से काम किया जिससे सभी व्यवस्थाएं बनाने में बड़ा सहयोग मिला। अधिवेशन के दौरान संगठन की नई कार्यकारिणी का चयन भी किया गया।

इस अवसर पर संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष आनंद सिंह रावत, केंद्रीय महासचिव पवन सिंह रावत, केंद्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष राहुल अग्रवाल, एन कोठियाल, आरके जैन, जेसी पंत आदि उपस्थित रहे।

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अलग- अलग निजी अस्पतालों में 15 मरीजों में डेंगू वायरस की पुष्टि  https://khabardanadan.com/dengue-virus-confirmed-in-15-patients-in-different-private-hospitals/ https://khabardanadan.com/dengue-virus-confirmed-in-15-patients-in-different-private-hospitals/#respond Tue, 15 Apr 2025 10:38:51 +0000 https://khabardanadan.com/?p=5142

मरीज मिलने के बाद भी कोई खास तैयारी शुरू नहीं 

देहरादून। जिले में एक से 13 अप्रैल तक अलग-अलग निजी अस्पतालों में 15 मरीजों में डेंगू वायरस की प्रमाणिक पुष्टि हुई है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग सकते में है। चिकित्सकों के मुताबिक ये मरीज तेज बुखार और जोड़ों में तेज दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल आए थे। डेंगू की एलाइजा जांच के बाद इन मरीजों में वायरस की पुष्टि हुई है।

दून में अप्रैल महीने में ही डेंगू वायरस के मामले सामने आने से लोग हैरत में हैं। डेंगू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की रणनीति बनती इससे पहले ही डेंगू ने दस्तक दे दी। शहर के श्रीमहंत इंदिरेश और ग्राफिक एरा अस्पताल में 13 दिनों में की गई डेंगू वायरस की कुल एलाइजा जांचों की रिपोर्ट आने के बाद 15 मरीज डेंगू पॉजिटिव मिले।

इसमें श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल में 13 और ग्राफिक एरा अस्पताल में दो मरीजों में डेंगू की प्रमाणिक पुष्टि हुई है। श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल के मेडिसन विभाग के अध्यक्ष डॉ. नारायण जीत सिंह की मुताबिक डेंगू के समान लक्षण लेकर बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। इसमें पर्वतीय और मैदानी इलाकों से आने वाले मरीज शामिल है। चिकित्सक के मुताबिक डेंगू पीड़ित मरीजों में शुरूआत में तेज बुखार, कमर, जोड़ों व सिर में दर्द, शरीर में लाल चकत्ते, मसूड़ों में खून आना और उल्टी की समस्या देखने को मिल रही है।

स्वास्थ्य विभाग की बेखबरी के बीच दून पहुंचा डेंगू

देहरादून जिले में डेंगू के 15 मामले सामने आने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग बेखबर है। अधिकारियों को तो इस संबंध में जानकारी ही नहीं है। यही कारण है कि डेंगू वायरस से निपटने के लिए अभी तक कोई खास तैयारी भी शुरू नहीं हो पाई है। स्वास्थ्य विभाग की डेंगू वायरस से बेखबरी लोगों को संकट में डाल सकती है।

श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल

13 दिनों में डेंगू के कुल एलाइजा टेस्ट -710

पॉजिटिव -13

ग्राफिक एरा अस्पताल

12 दिनों में हुए एलाइजा टेस्ट -50

पॉजिटिव- 02

पिछले छह वर्षों में देहरादून में डेंगू के आंकड़े

वर्ष    केस मौत
2019   4991  06
2020  00  00
2021  126  00
2022  1434    00
2023   1201  13
2024   37    00

बचाव के उपाय

1- घर में फ्रिज और वाटर प्लांट में पानी एकत्रित न होने दें।

2- साफ खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

3- ताजे फल खाएं और अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें।

प्रदेश में डेंगू वायरस की पूर्व की स्थितियों का आकलन कर तैयारी शुरू कर दी गई है। चिकित्सा इकाइयों में इससे निपटने के पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं। जहां में भी पूर्व में डेंगू के अधिक मामले देखे गए हैं, उनका सर्वे कराया जाएगा।  -डॉ. आर राजेश कुमार, स्वास्थ्य सचिव उत्तराखंड

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आईपीएल 2025- कोलकाता नाइट राइडर्स और पंजाब किंग्स के बीच मुकाबला आज https://khabardanadan.com/ipl-2025-match-between-kolkata-knight-riders-and-punjab-kings-today/ https://khabardanadan.com/ipl-2025-match-between-kolkata-knight-riders-and-punjab-kings-today/#respond Tue, 15 Apr 2025 10:19:59 +0000 https://khabardanadan.com/?p=5139

नई दिल्ली। इंडियन प्रीमियर लीग 2025 के 31वें मुकाबले में आज पंजाब किंग्स का सामना कोलकाता नाइट राइडर्स से होना है। यह मुकाबला चंडीगढ़ के मुल्लांपुर में खेला जाएगा। अपने पिछले मैच में पंजाब किंग्स को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा है। अब तक पंजाब की टीम ने 5 में से 3 मैचों में जीत हासिल की है, जबकि केकेआर की टीम को अपने पिछले मैच में सीएसके के खिलाफ जीत मिली थी। अब दोनों ही टीमों का मुकाबला मुल्लांपुर में आज होना हैं, जिसमें दोनों ही टीम जीत हासिल करना चाहेगी।

मुल्लांपुर में अब तक खेले गए दो मुकाबले
पंजाब अब अपना अगला मैच अपने घरेलू मैदान पर खेलेगा जहां के विकेट को बल्लेबाजी के लिए अनुकूल माना जाता है। यहां अभी तक दो मैच खेले गए हैं जिनमें पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने 200 से अधिक रन का स्कोर बनाया था। ऐसे में पंजाब के टीम प्रबंधन को अब फैसला करना होगा कि वह किस तरह की परिस्थितियों में खेलना चाहते हैं। पंजाब किंग्स के गेंदबाजों का आत्मविश्वास निश्चित तौर पर डिग गया होगा। विशेष कर उसके दो स्पिनरों युजवेंद्र चहल और ग्लेन मैक्सवेल का मनोबल जरूर प्रभावित हुआ होगा क्योंकि इन दोनों ने पिछले मैच में सात ओवर में 96 रन लुटा दिए थे।

कोलकाता के इन बल्लेबाजों से रहना होगा सावधान
इसे देखते हुए पंजाब की टीम पिच को लेकर निश्चित तौर पर असमंजस की स्थिति में होगी। पंजाब अगर इस मैच के लिए सपाट विकेट तैयार करवाता है तो फिर इसकी कोई गारंटी नहीं कि उसके गेंदबाज 220 रन तक के स्कोर का बचाव कर लेंगे क्योंकि कोलकाता की टीम में सुनील नरेन, रिंकू सिंह और वेंकटेश अय्यर जैसे आक्रामक बल्लेबाज हैं। एक ऐसा आंकड़ा जिस पर पंजाब के मुख्य कोच रिकी पोंटिंग गौर नहीं करना चाहेंगे, वह है उनकी गेंदबाजी इकाई का इकॉनमी रेट। उसका कोई भी गेंदबाज नौ रन प्रति ओवर से नीचे नहीं गया। आमतौर पर भरोसेमंद चहल ने पांच मैचों में प्रति ओवर 11.13 रन दिए हैं और केवल दो विकेट लिए हैं।

मैकस्वेल और स्टोइनिस से पंजाब को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद
पंजाब अगर धीमा विकेट तैयार करवाता है तो उसका यह दांव भी उल्टा पड़ सकता है क्योंकि नाइट राइडर्स के पास वरुण चक्रवर्ती और सुनील नरेन जैसे स्पिनर है जो अनुकूल परिस्थितियों का फायदा उठाने में माहिर हैंं। नाइट राइडर्स एक ऐसी टीम है जो सपाट और धीमे विकेट दोनों पर अपना कमाल दिखा सकती है। उसने चेन्नई सुपर किंग्स को उसके घरेलू मैदान पर पटखनी दी थी जिससे निश्चित तौर पर टीम का मनोबल बढ़ा होगा। पंजाब किंग्स की बल्लेबाजी काफी हद तक कप्तान अय्यर (250 रन) पर निर्भर है, जिन्होंने अब तक पांच मैचों में तीन अर्धशतक लगाए हैं। प्रियांश आर्या (194 रन) इस सत्र की खोज रहे हैं। नेहल वढेरा (141 रन), प्रभसिमरन सिंह (133 रन) और फिनिशर शशांक सिंह (108 रन) भी टीम का मजबूत पक्ष हैं। लेकिन पंजाब की कमजोर कड़ी उसके भारतीय खिलाड़ी नहीं बल्कि दो ऑस्ट्रेलियाई ग्लेन मैक्सवेल (34 रन) और मार्कस स्टोइनिस (59 रन) हैं, जिन्होंने अब तक बल्ले से खास योगदान नहीं दिया है।

कैसा खेलेगी मुल्लांपुर की पिच?
अगर पिच रिपोर्ट की बात करें तो मुल्लांपुर के महाराजा यादवेंद्र सिंह इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की पिच बल्लेबाजों के अनुकूल रहती है। यहां पर बल्लेबाजों को खूब रन बनाते हुए देखा जाता है और मैच हाई स्कोरिंग होने की संभावना रहती है। हालांकि, इस मैदान पर तेज गेंदबाजों और स्पिनरों को भी मदद मिल सकती है।

इस मैदान पर कुल आईपीएल में 7 मैच खेले गए, जिसमें पहले बैटिंग करने वाली टीम ने चार बार जीत हासिल की, जबकि बाद में बैटिंग करने वाली टीम ने 3 बार जीत दर्ज की।

कितने बजे से सुरु होगा मुकाबला?

मुकाबला भारतीय समयानुसार शाम 7:30 बजे शुरू होगा। टॉस इससे आधे घंटे पहले यानी शाम 7:00 बजे होगा।

कहाँ देख सकते हैं मुकाबला? 

मुकाबला स्टार स्पोर्ट्स के चैनलों पर देखा जा सकेगा। और मैच को ऑनलाइन जियोहॉटस्टार एप  पर देखा जा सकता है।

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मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी नड्डा का जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर किया स्वागत https://khabardanadan.com/chief-minister-dhami-welcomed-union-health-minister-j-p-nadda-at-jolly-grant-airport/ https://khabardanadan.com/chief-minister-dhami-welcomed-union-health-minister-j-p-nadda-at-jolly-grant-airport/#respond Tue, 15 Apr 2025 09:20:14 +0000 https://khabardanadan.com/?p=5136

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के देवभूमि उत्तराखंड आगमन पर जॉलीग्रांट एयरपोर्ट में स्वागत किया।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, सांसद अजय भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, डॉ.धन सिंह रावत, श्रीमती रेखा आर्या, सौरभ बहुगुणा और अन्य महानुभाव ने भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का स्वागत किया।

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सिनेमाघरों में धीमी हुई ‘जाट’ की रफ़्तार, जानिए फिल्म के पांच दिनों का कलेक्शन  https://khabardanadan.com/jaats-pace-slows-down-in-cinemas-know-the-films-collection-after-five-days/ https://khabardanadan.com/jaats-pace-slows-down-in-cinemas-know-the-films-collection-after-five-days/#respond Tue, 15 Apr 2025 08:15:49 +0000 https://khabardanadan.com/?p=5133

सनी देओल और रणदीप हुड्डा की अदाकारी से सजी फिल्म ‘जाट’ 10 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। फिल्म का प्रचार जोर शोर से किया गया। उम्मीद जताई जा रही थी कि फिल्म पहले दिन छप्पर फाड़ कमाई करेगी लेकिन पहले दिन फिल्म की कमाई औसत ही रही। दूसरे दिन फिल्म ‘जाट’ की कमाई में गिरावट दर्ज की गई। आइए जानते हैं कि ‘जाट’ ने कुल कितनी कमाई की?

पांचवें दिन ‘जाट’ के कलेक्शन में बड़ी गिरावट
सनी देओल की फिल्म ‘जाट’ को बीते दिन पहले रविवार यानी वीकएंड का फायदा मिला। इस दिन फिल्म ने सबसे ज्यादा कमाई की। फिल्म ने चौथे दिन 14 करोड़ रुपये की कमाई की। वहीं अगर पांचवें दिन की बात की जाए तो फिल्म के कलेक्शन में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक फिल्म ने पांचवें दिन यानी सोमवार को मजह 5.73 करोड़ रुपये कमाए हैं। फिल्म रिलीज होने से लेकर अब तक यह फिल्म की सबसे कम कमाई है।

फिल्म जाट की अब तक की कुल कमाई
‘जाट’ फिल्म ने अपने रिलीज के पहले दिन 9.5 करोड़ का करोबार किया था। फिल्म की लागत के हिसाब से यह औसत कमाई थी। दूसरे दिन के कलेक्शन में गिरावट दर्ज की गई। दूसरे दिन फिल्म ने सात करोड़ का कारोबार किया। तीसरे दिन यानी शनिवार को फिल्म की कमाई 9.75 करोड़ रही जो बीते दिन के मुकाबले कुछ ठीक थी। चौथे दिन फिल्म की कमाई में जबरदस्त उछाल देखा गया। इस दिन फिल्म ने 14 करोड़ रुपये कमा डाले। आज पांचवें दिन की कमाई 5.73 करोड़ रही। इस तरह से फिल्म की कुल कमाई 45.98 करोड़ हो गई।

इस वजह से कम हुई ‘जाट’ की कमाई
जानकार बताते हैं कि ‘जाट’ फिल्म की कमाई बेहतर हो सकती थी लेकिन इस फिल्म का साउथ की फिल्म ‘गुड बैड अगली’ से टकराव हो गया। इसी दिन यानी 10 अप्रैल को ‘गुड बैड अगली’ भी रिलीज हुई थी। ऐसे में ‘जाट’ फिल्म दर्शकों को अपनी तरफ खींचने में नाकाम है। फिल्म ‘गुड बैड अगली’ ने पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई की। पांचवें दिन फिल्म ने 12.25 करोड़ की कमाई की। फिल्म का अब तक का कुल कलेक्शन 98.25 करोड़ रुपये हो गया है।

‘जाट’ के अदाकार और कहानी
जाट फिल्म में सनी देओल और रणदीप हुड्डा के अलावा विनीत कुमार सिंह, सैयामी खेर और रेजिना कैसेंड्रा हैं। फिल्म का निर्देशन गोपीचंद मलिनेनी ने किया है। फिल्म में सनी देओल का रणदीप हुड्डा से जबरदस्त टकराव दिखाया गया है।

(साभार)

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आज अपना 78वां स्थापना दिवस मना रहा हिमाचल https://khabardanadan.com/himachal-is-celebrating-its-78th-foundation-day-today/ https://khabardanadan.com/himachal-is-celebrating-its-78th-foundation-day-today/#respond Tue, 15 Apr 2025 07:23:21 +0000 https://khabardanadan.com/?p=5130

यहां पढ़िए हिमाचल की प्रमुख कहानी

हिमाचल प्रदेश। पहाड़ की चुनौतियों को पार कर हिमाचल प्रदेश मॉडल हिल स्टेट बन गया है। भारत के अपने पहाड़ी राज्य ही नहीं, दुनिया के देश भी इस आदर्श पर्वतीय प्रदेश के मॉडल का अध्ययन करने के लिए अपनी टीमें भेज रहे हैं। शिक्षा, आधारभूत ढांचा विकास, पर्यटन, बागवानी, हरित ऊर्जा जैसे कई क्षेत्रों में हिमाचल ने मिसाल पेश की है।

हिमाचलवासियों को एक सूत्र में पिरोये देवभूमि की लोक संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत भी विश्व भर के विशेषज्ञों के लिए अध्ययन का केंद्र बन चुकी है। हिमाचल 15 अप्रैल यानि आज अपना 78वां स्थापना दिवस मना रहा है। 15 अप्रैल 1948 को जब यह प्रांत अपने अस्तित्व में आया तो उस समय कनेक्टिविटी और आधारभूत ढांचा बहुत कमजोर था। ज्यादातर लोग पढ़े-लिखे नहीं थे। दुर्गम क्षेत्र शेष देश और दुनिया की मुख्यधारा से कटे हुए थे, पर हिमाचल राष्ट्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ता रहा। आज यहां आम आदमी का जीवन स्तर भी अन्य राज्यों की तुलना में बेहतरीन है। रोटी, कपड़ा और मकान की मूलभूत चिंताओं से आगे निकल कर हिमाचल तरक्की के नए आयाम स्थापित कर रहा है। तमाम आर्थिक और अन्य चुनौतियों का सामना करते इस पहाड़ी प्रांत की प्रतिव्यक्ति आय 2,57,212 रुपये पहुंच गई है।

इसके बावजूद हिमाचल प्रदेश  पर करीब एक लाख करोड़ का कर्ज चुकाने, आर्थिक स्थिति को मजबूत करने, सड़कों के बजाय हवाई, रेल नेटवर्क को भी आगे बढ़ाने, सोने की तरह बहते जलभंडारों का उचित दोहन करने, प्राकृतिक आपदा से निपटने समेत पर्यावरण को संरक्षित रखने, नशाखोरी से निपटने जैसी कई चुनौतियां हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के इतिहासकार एवं अध्ययन अधिष्ठाता प्रो. बीके शिवराम बताते हैं कि हिमाचल के गठन से लेकर पूर्ण राज्य बनने के लिए संघर्षरत रहे डॉ. यशवंत सिंह परमार की पहाड़ी प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए विशेष योजना थी। उनके बाद रहे मुख्यमंत्री भी प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाते रहे हैं।

सड़क, आधारभूत ढांचा विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि क्षेत्रों में हिमाचल प्रदेश ने 1948 से लेकर आज तक काफी तरक्की की है। आज उच्च शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों में 60 से 65% लड़कियां हैं तो यही ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के आधारभूत ढांचे के विकास का बड़ा सूचक है। कृषि-बागवानी के क्षेत्र में भी हिमाचल के किसानों-बागवानों ने अपने बूते पहचान बनाई है। बहुत से मामलों में हिमाचल प्रदेश देश के दूसरे राज्यों के लिए मॉडल स्टेट बनकर उभरा है। वर्तमान में केंद्र और राज्य में अलग-अलग सरकारों के कारण राजनीतिक चुनौती जरूर है, मगर यह अस्थायी ही है।

नेहरू ने कहा था- कैसे करना है विकास, डॉ. परमार काे बुलाओ
अर्थशास्त्र की प्रोफेसर प्रो. अर्पणा नेगी के अनुसार सुना जाता रहा है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कभी पंजाब को भी कहा था कि फंड को कैसे खर्च किया जाए और अपने राज्य को विकास में कैसे बढ़ाया जा सकता है, इसके लिए डॉ. यशवंत सिंह परमार सिंह को बुलाया जाए। प्रो. नेगी ने कहा कि डॉ. यशवंत सिंह परमार ने हिमाचल प्रदेश को तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ाया। बाद में रहे तमाम मुख्यमंत्री भी उनके दिखाए रास्ते पर आगे बढ़ते रहे हैं। नेगी बताती हैं कि पीछे मुड़कर देखा जाए तो यह कहना कतई सही नहीं है कि इन 77-78 वर्षों में हिमाचल प्रदेश ने कुछ खास नहीं किया है। 1948 से लेकर आज तक हिमाचल ने कई क्षेत्रों में बहुत तरक्की की है। दूसरे देश भी हिमाचल को मॉडल हिल स्टेट मान रहे हैं। हाल ही में नेपाल से भी एक टीम इसी का अध्ययन करने हिमाचल प्रदेश आ चुकी है। हिमाचल के पास और आगे बढ़ने के लिए संसाधन हैं, मगर उनके दोहन के लिए राज्य को क्रिएटिव होने की जरूरत है।

ऐसे अस्तित्व में आया हिमाचल
15 अप्रैल 1948 को भारतीय गणराज्य के चीफ कमिश्नर प्रांत रूप में हिमाचल प्रदेश का गठन हुआ। 30 रियासतों को इकट्ठा कर इस राज्य की प्रारंभिक रूपरेखा तैयार हुई। शुरू में हिमाचल के चार जिले महासू, सिरमौर, चंबा और मंडी थे। 26 जनवरी 1950 को संविधान बनने के बाद इसे सी श्रेणी राज्य का दर्जा मिला। 1 जुलाई 1954 को बिलासपुर को हिमाचल में मिलाया गया, जो पांचवां जिला बना। 1 नवंबर 1956 को यह केंद्रशासित प्रदेश बना। फिर 1 मई 1966 में कांगड़ा हिमाचल का एक अन्य जिला बना। 1 नवंबर 1966 को पंजाब का पुनर्गठन हुआ। उस वक्त पंजाब के कुछ पहाड़ी क्षेत्र हिमाचल में मिला लिए गए। 18 दिसंबर 1970 को संसद में हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम पारित हुआ और 25 जनवरी 1971 को हिमाचल एक नए पूर्ण राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। इस प्रकार हिमाचल प्रदेश भारतीय संघ का अठारहवां राज्य बना। उसके बाद फिर हिमाचल का नया नक्शा बना। राज्य के 12 जिले बनाए गए। हिमाचल प्रदेश का क्षेत्रफल 55,673 वर्ग किलोमीटर तय हुआ।

प्रदेश को 77 साल में मिले सात मुख्यमंत्री
हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार के समय हिमाचल में सड़कों का जाल बिछने लगा। यहां कृषि-बागवानी, पर्यटन, ऊर्जा, उद्योग जैसे क्षेत्रों में भी हिमाचल उन्नति करने लगा। डॉ. परमार के बाद रामलाल ठाकुर, वीरभद्र सिंह, शांता कुमार, प्रेमकुमार धूमल और जयराम ठाकुर जैसे मुख्यमंत्रियों के हाथ में हिमाचल प्रदेश की कमान रही। तमाम चुनौतियों के बीच सबने अपना-अपना योगदान दिया। कई आपदाएं और आर्थिक संकट भी झेले। अब सुखविंद्र सिंह सुक्खू के हाथ में बागडोर है, जो सीमित साधनों और कर्ज में डूबे हिमाचल प्रदेश को 2032 तक देश का सबसे अमीर राज्य बनाने का संकल्प ले चुके हैं। कर्ज बढ़ना तरक्की कम होने का प्रमाण नहीं अर्थशास्त्री नरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि कर्ज या देनदारियां बढ़ना तरक्की कम होने का सूचक नहीं है। कर्ज लेना बुरी बात नहीं है, इसे खर्च कहां किया जा रहा है, यह मायने रखता है। हिमाचल की देनदारियां बढ़ने के साथ ही प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ी है, जो यह जाहिर करता है कि यहां के आम आदमी का जीवन स्तर अच्छा हुआ है।

देश-दुनिया में चमक रहे हिमाचली सितारे
अस्तित्व में आने के 78वें वर्ष में पहुंच चुके हिमाचल प्रदेश को कई हस्तियों ने भी देश-दुनिया में नई  पहचान दी है। यहां के कई सितारे विश्व भर में चमक बिखेर रहे हैं। इनमें सिनेमा, पार्श्व गायन जैसे क्षेत्रों के अलावा खेल जगत की बड़ी शख्सियतें शुमार हैं। बॉलीवुड में अनुपम खेर हिमाचल प्रदेश से बड़ा नाम हैं, जो शिमला में पले-बढ़े। 7 मार्च 1955 को शिमला में जन्म लेने वाले खेर करीब 540 फिल्मों में काम कर चुके हैं और पद्मश्री, पदम भूषण जैसे उच्च सम्मान पा चुके हैं।

शिमला में 31 जनवरी 1975 को जन्मीं प्रीति जिंटा सिनेमा जगत में एक और बड़ा चेहरा हैं। जिंटा आईपीएल की पंजाब किंग्स की मालकिन होने के चलते भी चर्चा में हैं। 23 मार्च 1986 को मंडी जिले के भांबला में जन्मीं कंगना रणौत भी फिल्मी दुनिया में बड़ा नाम कमाते हुए अब इसी संसदीय क्षेत्र की लोकसभा सांसद हैं। उन्हें भी पद्मश्री अवाॅर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। बॉलीवुड के बड़े सितारे प्रेम चोपड़ा का बचपन भी शिमला में गुजरा है। उनकी स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई शिमला से हुई। सिने तारिका यामी गौतम का जन्म 28 नवंबर 1988 को बिलासपुर में हुआ। यामी कई चर्चित फिल्मों में काम कर चुकी हैं। सिरमौर जिले के नाहन निवासी वॉलीबुड सिंगर मोहित चौहान सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक का फिल्म फेयर पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। द ग्रेट खली उर्फ दलीप सिंह राणा सिरमौर जिले से हैं। 27 अगस्त 1972 को धिराइना गांव में जन्मे द ग्रेट खली ने भी चार हाॅलीवुड फिल्मों, दो बॉलीवुड और कई टेलीविजन चैनलों में काम किया है। सात फुट 1 इंच कद के खली ने रेस्लिंग में प्रवेश कर दुनिया में खलबली मचाई थी।

मंडी जिले में 19 फरवरी, 1990 में जन्मे भारतीय क्रिकेटर ऋषि धवन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल को नई पहचान दे रहे हैं। हमीरपुर जिले में 19 अगस्त 1985 को पैदा हुए ओलंपियन विजय कुमार देश के प्रमुख निशानेबाज हैं। शिमला की रेणुका ठाकुर देश की प्रमुख महिला क्रिकेटर हैं।

हिमाचल की झोली में 25 पद्मश्री, एक पद्म विभूषण
वर्ष 1964 से लेकर अब तक हिमाचल की शख्सियतों ने उत्कृष्ट कार्यों के दम पर खूब नाम कमाया और प्रदेश की झोली में करीब 25 पद्मश्री और एक पद्म विभूषण लाकर दिया है। राज्य को एकमात्र पद्म विभूषण जिला सोलन के कसौली के रहने वाले ब्रज कुमार नेहरू ने वर्ष 1999 में सिविल सेवा में दिलाया है। नेहरू का जन्म 4 सितंबर 1909 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। उन्हें 1999 में पद्म विभूषण पुरस्कार मिला। वे कसौली में रहे और 92 साल की उम्र में कसौली में ही उनका देहांत हुआ। वह सात राज्यों में राज्यपाल भी रहे। राज्य में चरणजीत सिंह, अजय ठाकुर को खेल में, कैलाश महाजन, सत्य देव को सिविल सेवा, डाॅ. देवेंद्र राणा, डाॅ. ओमेश भारती, येशी ढोडेन को चिकित्सा क्षेत्र, कपिल मोहन को व्यापार, विद्यानंद सरैक को लोकसंस्कृति, विजय शर्मा को लघु चित्रकला, करतार सौंखले को कला, ललिता वकील को चंबा रुमाल, प्रशासनिक अधिकारी सत्यदेव, चिकित्सक डॉ. देवेंद्र राणा, इंजीनियर कैलाश महाजन, डॉ. क्षमा मैत्रेय, नेकराम शर्मा, हरिमन शर्मा को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

वीरभूमि के चार जवानों को सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र : वीरभूमि हिमाचल प्रदेश के जवान दुश्मनों के भी दांत खट्टे करते रहे हैं। चार परमवीर चक्र हिमाचल के नाम हो चुके हैं। पहला परमवीर चक्र मेजर सोमनाथ शर्मा को मिला। इसके अलावा कारगिल युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा, राइफलमैन संजय कुमार को यह सर्वोच्च सम्मान मिला। मेजर धन सिंह थापा का नाम भी इस सूची में शामिल है। 10 महावीर, तीन अशोक चक्र और 18 कीर्ति चक्र हिमाचल के वीर जवानों को मिल चुके हैं।

केंद्र को दिए छह मंत्री भाजपा को राष्ट्रीय अध्यक्ष
अगर राजनेताओं की बात करें तो हिमाचल ने केंद्र सरकार को भी छह मंत्री दिए। राजकुमारी अमृत काैर, पंडित सुखराम, वीरभद्र सिंह, आनंद शर्मा, अनुराग ठाकुर, जगतप्रकाश नड्डा जैसे नेता केंद्र में मंत्री बने। नड्डा तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

हिमाचल ने दलाई लामा और  तिब्बतियों को दी शरण
1959 में दलाई लामा तिब्बत से पलायन कर भारत आए तो हिमाचल ने ही उन्हें शरणागत के रूप में पनाह दी है। उनके साथ बड़ी संख्या में तिब्बती शरणार्थी यहां पहुंचे। दलाई लामा धर्मशाला में मैकलोडगंज में रहते हैं।

वर्ष 1948 में 4.8 और अब 90% साक्षर
वर्ष 1948 में प्रदेश में साक्षर लोग मात्र 4.8 फीसदी थे। वर्ष 1950-51 में राज्य में कुल 547 शिक्षण संस्थान थे, मगर आज 20,000 से अधिक सरकारी- गैर सरकारी शिक्षण संस्थान हैं। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार प्रदेश की साक्षरता दर 90 फीसदी हो चुकी है। साल 1951 में हिमाचल की साक्षरता दर 7.98 फीसदी थी। इसके बाद हर दस साल बाद हुई साक्षरता की गणना में प्रदेश ने लगातार बढ़ोतरी दर्ज की है। साल 1961 में साक्षरता दर 21.03 फीसदी, 1971 में 31.71 फीसदी, 1981 में 42.33, 1991 में 63.75, 2001 में 76.48 और साल 2011 में हुई गणना में साक्षरता दर 83.78 फीसदी रिकॉर्ड हुई। प्रदेश में सबसे अधिक साक्षरता दर 89.01 फीसदी हमीरपुर जिले की है।

प्रदेश के कई डॉक्टरों ने नाम रोशन किया
चिकित्सा क्षेत्र में भी हिमाचल प्रदेश से कई बड़े डॉक्टर हैं। एम्स नई दिल्ली के निदेशक रह चुके डॉ. रणदीप गुलेरिया हिमाचल से हैं। उन्हें भारत सरकार पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित कर चुकी है। वर्तमान में वह एम्स बिलासपुर के अध्यक्ष भी हैं। डॉ. रणदीप गुलेरिया के अलावा डॉ. जगतराम, डॉ. टीएस महंत और डॉ. राजबहादुर ने भी हिमाचल का नाम रोशन किया। रैबीज की वैक्सीन के किफायती इस्तेमाल पर डॉ. ओमेश भारती को पद्मश्री मिल चुका है। युवा डॉक्टर अरुण शर्मा सीवीआर एंड ईआई में सुपर स्पेशलाइजेशन (डीएम) डिग्री पाने वाले भारत के पहले डॉक्टर बने।

हिमाचल में बिछा सड़कों का जाल
वर्ष 1948 में जब हिमाचल प्रदेश राज्य अस्तित्व में आया, उस समय करीब 288 किलोमीटर सड़कें थीं। चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों के बाद प्रदेश में सड़क नेटवर्क में 42 हजार किलोमीटर तक का विस्तार हुआ है। इसमें 35,917 किलोमीटर सड़कें पक्की हैं। अब तक प्रदेश में लोक निर्माण विभाग ने 2,519 पुलों और 36,763 किलोमीटर क्रॉस ड्रेनेज का निर्माण किया है। हिमाचल के 17,882 गांवों में से 15,778 को सड़क सुविधा से जोड़ा जा चुका है। अब 500 से कम आबादी वाले दो हजार के करीब गांव सड़क सुविधा से जोड़े जाने शेष हैं। प्रदेश में फोरलेन, राजमार्ग और सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है।

देश का पहला धुआंमुक्त घोषित राज्य

हिमाचल देश का पहला धुआंमुक्त राज्य घोषित हुआ है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत प्रदेश में 1.37 लाख से अधिक गैस कनेक्शन हैं, जबकि हिमाचल गृहिणी योजना के तहत 2.92 लाख परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए हैं। पहले लोगों को खाना बनाने के लिए लकड़ी का उपयोग करना पड़ता था, जिसका पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता था। पाॅलीथिन लिफाफों पर बैन लगाने वाला भी प्रदेश पहला राज्य है। गोवध पर कानून भी देश में सबसे पहले हिमाचल में लाया गया। विधानसभा की ऑनलाइन कार्यवाही सबसे पहले यहां शुरू हुई।

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डायबिटीज को करना चाहते हैं कंट्रोल, तो इन दो प्रकार के आटे को करें अपने आहार में शामिल, मिलेगा लाभ  https://khabardanadan.com/if-you-want-to-control-diabetes-then-include-these-two-types-of-flour-in-your-diet-you-will-get-benefits/ https://khabardanadan.com/if-you-want-to-control-diabetes-then-include-these-two-types-of-flour-in-your-diet-you-will-get-benefits/#respond Tue, 15 Apr 2025 06:39:15 +0000 https://khabardanadan.com/?p=5127

डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है जिसका खतरा सभी उम्र के लोगों में देखा जा रहा है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी इसका शिकार पाए जा रहे हैं। लाइफस्टाल और खान-पान में गड़बड़ी के कारण होने वाली इस बीमारी पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो इसके जानलेवा दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, डायबिटीज से बचे रहना है या फिर इसे कंट्रोल में रखना है तो सबसे पहले अपने आहार में सुधार कर लें। खाने में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स, लो कैलोरी और हाई फाइबर वाली चीजों को अधिक मात्रा में शामिल करें।

एक्सपर्ट्स कहते हैं, डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए आपको आटे में भी बदलाव करना चाहिए। अध्ययनों में दो प्रकार के आटे को डायबिटीज को कंट्रोल में रखने में लाभकारी प्रभावों वाला पाया गया है।

सोयाबीन के आटे को आहार में करें शामिल

शोध से पता चलता है कि मधुमेह में सोयाबीन का आटा खाना आपके लिए लाभप्रद हो सकता है। सोयाबीन लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला होने के साथ फाइबर और प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत है जिससे शरीर में इंसुलिन के स्तर को बेहतर रखने में मदद मिलती है।

सोयाबीन के आटे में सोडियम, पोटेशियम, आयरन और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो हड्डियों को पोषण देते हैं और टूटने के खतरे को कम करते हैं। इस आटे के सेवन से मांसपेशियों में होने वाले दर्द में भी काफी राहत मिलती है। अगर आप लंबे समय से अपने मोटापे को कम करने के लिए प्रयास कर रहे हैं तो डाइट में सोयाबीन के आटे से बनी रोटी को शामिल कर सकते हैं।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

इस आटे से बनी रोटी के सेवन से पेट लंबे समय तक भरा रहता है और आप अतिरिक्त खाने से बच जाते हैं। जिससे धीरे-धीरे वजन कम होने लगता है, इससे डायबिटीज भी कंट्रोल में आने लगती है। बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी इसके लाभ देखे गए हैं, जिससे हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक का खतरा भी कम हो सकता है।

आहार विशेषज्ञ नेहा पठानिया कहती हैं, सोयाबीन के आटे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है और इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी कम होती है। मधुमेह के मरीजों के लिए इस आटे से बनी रोटी काफी फायदेमंद होती है। हालांकि अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी की समस्या है, तो आहार विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही सोयाबीन आटे का सेवन करें। इसे गेहूं के आटे में मिलाकर इसकी रोटियां बनाकर भी खाई जा सकती है।

डायबिटीज में फायदेमंद है कटहल का आटा

सोयाबीन की ही तरह हरे कटहल के आटे को भी अध्ययनों में डायबिटीज के मरीजों लिए फायदेमंद पाया गया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि हरे कटहल के आटे का इस्तेमाल करने से टाइप-2 डायबिटीज के रोगियों को काफी लाभ मिल सकता है।

कटहल का आटा मधुमेह रोगियों में प्लाज्मा शर्करा के स्तर को कम करने और ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन (HbA1c) को नियंत्रित करने में काफी कारगर गया था। ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन का बढ़ना, मधुमेह का संकेत माना जाता है।

मरीजों पर देखे गए अच्छे परिणाम

शोधकर्ताओं ने हरे कटहल के आटे के प्रभाव को जानने के लिए 12 सप्ताह तक 40 प्रतिभागियों (24 पुरुषों और 16 महिलाओं) पर अध्ययन किया। प्रतिभागियों को दैनिक भोजन के साथ हरे कटहल के आटे से तैयार चीजें खाने को दी गईं।

इस अध्ययन के परिणाम को अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन में रखा गया। शोधकर्ताओं ने बताया कि हरे कटहल के आटे के नियमित सेवन से टाइप-2 डायबिटीज रोगियों में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

(साभार)

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मेयर चुनाव को लेकर राजधानी का सियासी तापमान तेज, 50 से अधिक पार्षद मेयर बनने की दौड़ में उतरे  https://khabardanadan.com/political-temperature-of-the-capital-is-rising-due-to-mayor-election-more-than-50-councilors-are-in-the-race-to-become-mayor/ https://khabardanadan.com/political-temperature-of-the-capital-is-rising-due-to-mayor-election-more-than-50-councilors-are-in-the-race-to-become-mayor/#respond Tue, 15 Apr 2025 06:15:45 +0000 https://khabardanadan.com/?p=5124

25 अप्रैल को होगा मेयर चुनाव 

वर्तमान मेयर महेश कुमार को फिर से उम्मीदवार बनाने पर आप का मंथन जारी 

  • भाजपा में हो रही एक अनार सौ बीमार वाली कहावत चरितार्थ 

दिल्ली- एनसीआर। एमसीडी में मेयर चुनाव को लेकर राजधानी का सियासी तापमान तेजी से बढ़ रहा है। भाजपा में तो एक अनार सौ बीमार वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। पार्टी के भीतर से 50 से अधिक पार्षद मेयर बनने की दौड़ में उतर चुके हैं। हर कोई इस मौके को अपने राजनीतिक करियर के लिए एक बड़ा अवसर मान रहा है। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी (आप) भी रणनीति के तहत फिर से दलित चेहरा सामने लाने की तैयारी में है और इसके तहत वर्तमान मेयर महेश कुमार को फिर से उम्मीदवार बनाए जाने पर मंथन चल रहा है।

विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिली हार और उसके बाद पार्टी के 20 से अधिक पार्षदों के इधर-उधर होने से एमसीडी में समीकरण बदल गए हैं। अब भाजपा पार्षदों की संख्या में आप से आगे निकल गई है। एमसीडी के सदन में पार्षदों, मनोनीत विधायकों और दिल्ली से लोकसभा व राज्यसभा सांसदों समेत 274 सदस्य होते हैं, लेकिन 12 वार्ड रिक्त होने के कारण अब एमसीडी सदन में 262 सदस्य हैं और मेयर चुनाव में जीत के लिए बहुमत का आंकड़ा 133 का है और अब तक के घटनाक्रम को देखें तो भाजपा के पास 135 सदस्य हैं। वहीं आम आदमी पार्टी के पास 119 सदस्य और कांग्रेस के आठ पार्षद है। इस कारण भाजपा की जीत तय सी मानी जा रही है।

उधर, पिछले कुछ महीनों में आम आदमी पार्टी को लगातार झटके लगे हैं। कई पार्षद पार्टी छोड़कर भाजपा का समर्थन कर चुके हैं या निष्क्रिय हो गए हैं। वहीं विधानसभा चुनावों में हार के कारण आम आदमी पार्टी कमजोर स्थिति में पहुंच चुकी है। वह एमसीडी में 13 के बजाए तीन विधायक ही मनोनीत हैं। इसी का फायदा उठाते हुए भाजपा अब एमसीडी में मेयर पद पाने के लिए पूरी तरह सक्रिय हो गई है। पार्टी के भीतर ही इतने अधिक दावेदार सामने आ चुके हैं कि शीर्ष नेतृत्व को नाम तय करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में पुराने पार्षदों के साथ-साथ नए पार्षद भी दावा पेश कर रहे हैं। लिहाजा कोई पार्षद अपने सामाजिक प्रभाव को गिनवा रहा है, कोई अपने क्षेत्र में विकास कार्यों का हवाला दे रहा है तो कोई आरएसएस और पार्टी के पुराने जुड़ाव को अपनी योग्यता के रूप में पेश कर रहा है।

वहीं, आम आदमी पार्टी भले ही पार्षदों की संख्या में कमजोर दिख रही हो, लेकिन वह अपनी सियासी पकड़ बनाए रखने के लिए फिर से सामाजिक समीकरणों का सहारा लेने की कोशिश कर रही है। इसी रणनीति के तहत पार्टी एक बार फिर महेश कुमार को मेयर पद का उम्मीदवार बना सकती है। महेश कुमार दलित समुदाय से आते हैं और पार्टी को उम्मीद है कि इससे सामाजिक संदेश देने के साथ-साथ सहानुभूति लहर भी तैयार की जा सकेगी। कुल मिलाकर, एमसीडी का यह मेयर चुनाव न सिर्फ उसकी राजनीति को दिशा देगा, बल्कि यह भी तय करेगा कि क्या भाजपा अपने बढ़ते प्रभाव को सत्ता में तब्दील कर पाएगी या आम आदमी पार्टी कोई बड़ा दांव चलने में सफल होगी। दोनों ही दलों के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है और इसके नतीजे आने वाले महीनों की दिल्ली की सियासत पर गहरा असर डाल सकते हैं । मेयर चुनाव 25 अप्रैल को होगा और 21 अप्रैल तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकते है। माना जा रहा है कि दोनों दल 21 अप्रैल को ही दोनों पार्टी मेयर पद के अपने उम्मीदवार के नाम के मामले में पत्ते खोलेंगे।

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